विकास यात्रा पर भी नहीं पड़ा प्रभाव जिम्मेदारों ने दिया था आश्वासन जल्द होंगी अवैध पैकारिया बंद।
जिला कटनी - तहसील ढीमरखेड़ा के अंदर गांव- गांव अवैध पैकारिया रुकने का नाम नहीं ले रही। देसी विदेशी शराब की दुकानों पर तकरीबन तीन महीने बीत जाने के बावजूद भी रेट सूची चस्पा किया जाना मुनासिब नहीं समझा गया यही कारण है कि ग्राहकों से मनमानी वसूली का मामला सामने आता रहता है। इतना ही नहीं कभी-कभी रेट सूची को लेकर शराब मैनेजर एवं ग्राहकों में नोकझोंक होने का भी मामला सामने आता रहता है। सूत्रों की माने तो आबकारी विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से बीयर अंग्रेजी शराब सभी मंहगे रेट पर दुकान संचालक द्वारा बेचा जा रहा है। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से तकरीबन 60 किलोमीटर की दूरी में स्थित तहसील ढीमरखेड़ा क्षेत्र है। जहां आबकारी विभाग के आला अधिकारी कभी कभार पहुंचते हैं। मजे की बात तो यह है कि संबंधित अधिकारीयों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से शराब ठेकेदार की हौसले बुलंद हैं। आखिर क्यों ? गांव गांव अवैध शराब पैकारियों बंद कराने एवं रेट सूची पर प्रशासनिक अधिकारी नजर अंदाज करते हैं। यह बड़ा सवाल क्षेत्रीय जनता में खड़ा हो रहा है। शराब माफियाओं का इतना बोल बाला बढ़ गया है कि नियम कानून को ताक पर रखकर कार्य करते हैं। यहां तक कि ठेकेदारों की मेहरबानी से गांव मोहल्ले मोहल्ले चौराहे में धड़ल्ले से शराब की बिक्री बेधड़क गोरख धंधा चलाया जा रहा है। वही क्षेत्रीय लोगों की माने तो जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण छोटे-बड़े शराब माफियाओं का धंधा जोरों से फल फूल रहा है।
विकास यात्रा के दौरान विकास यात्रा में उपस्थित जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण जनता के द्वारा विनम्र आग्रह करते हुए एवं लिखित आवेदन देकर अवैध पैकारिया को बंद कराने के लिए विनम्र आग्रह किया गया था साथ ही विकास यात्रा के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण जनता को पूरे विश्वास के साथ आश्वासन दिया गया कि जल्द से जल्द गांव- गांव बिच रही अवैध शराब को बंद करा दिया जाएगा लेकिन आज तक गांव गांव चल रही अवैध पैकारिया रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी द्वारा 1 अप्रैल से शराब नीति के तहत गांव- गांव में बिच रही अवैध पैकारियों को बंद कराने के लिए घोषणा की गई ना ही मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर कुछ असर दिखा और ना ही जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास यात्रा के दौरान ग्रामीण जनता को दिया गया आश्वासन पर अमल नही किया गया। कहीं अवैध पैकारियां चुनावी मुद्दा ना बन जाएं। ग्रामीणो का कहना हैं कि वोट बैंक की राजनीति क्षेत्र में की जा रही हैं। अब चंद दिनों के अंदर अवैध पैकारियां बंद नहीं की गई तो ग्रामीण क्षेत्र की जनता खुद जाकर दुकानों को बंद करवाने को मजबूर हो जायेगी।
*पीने वालों के लिए मौत बन रही शराब*
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के अनुसार शराब पीने से अनेकों मौते होती हैं। इस शराब की वजह से आये- दिन घर परिवार में विवाद की स्थिति बनी रहती हैं। शराब की वजह से ही लोगों के बसे- बसाए घर परिवार उजड़ रहे हैं।शराब पीने की वजह से क्षेत्र में हर साल अनेको मौतें होती हैं. हजारों लोग जहरीली शराब पीने से मारे जाते है। इस अवैध शराब की बिक्री से युवाओं और नाबालिग बच्चों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है, और शांत घर परिवार की महिलाओं एवं स्कूल, कालेज की छात्राओं का घर से निकलना एवं सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है एवं आए दिन उनके साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। इतना ही नहीं इस अवैध शराब की बिक्री से आये दिन वाहन दुर्घटनायें हो रही हैं। जिससे लोगों की अकाल मृत्यु हो रही है।
*जिम्मेदार आबकारी अधिकारी पर खड़े हो रहे सवाल*
क्षेत्रीय लोगों को संदेह है कि अवैध शराब पैकारियों की शिकायत करने के बावजूद भी आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ध्यान नहीं देते हैं तो सवाल यह उठता है कि आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शराब ठेकेदार व नशा का अवैध कारोबार करने वालों के ऊपर आशीर्वाद का हाथ रखा हुआ है आम लोगों की शिकायत पर कार्यवाही नहीं करते बल्कि नशा का अवैध व्यापार करने वालों को संरक्षण देते हैं। ढीमरखेड़ा क्षेत्र के गांव मोहल्लों में शराब के ठेकेदारों द्वारा अपने संरक्षण में आसपास के होटल ढाबों में शराब बिकवाई जाती है। ठेकेदार के आदमी नियमित रूप से टू व्हीलर फोर व्हीलर के माध्यम से गांव गांव शराब की सप्लाई करते हैं। इन्हीं कारणों से हर जगह सभी प्रकार की शराब आसानी मिल जाती है। इस अबैध व्यवसाय से ठेकेदार को मोटी कमाई होती है। वहीं गांव मुहल्ले का माहौल दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है अवैध शराब पैकारियों को बंद कराने आए दिन क्षेत्रीय लोगों द्वारा संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत देकर मांग की जाती है। सूत्रों से जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग के अधिकारी ठेकेदार से मिली भगत के कारण शिकायत करने के बावजूद भी कार्यवाही नहीं करते है।