नीमच। श्री अखिलेश कुमार धाकड, अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा द्वारा दो आरोपीयों को पडोस में रहने वाली नाबालीक से बलात्कार करने का आरोप का दोषी पाकर अलग-अलग धारावों में कुल 15-15 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2300-2300रू. जुर्माने से दण्डित किया। इस प्रकरण में शासन की और से पैरवी करने वालें अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 04 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 23.04.2014 की सुबह के लगभग 09 बजे की ग्राम रामपुरा की हैं। 15 वर्षीय पीडित बालिका घर में अकेली खाना बना रहीं थी, इतने में घर के सामने रहने वाला आरोपी महेश आया और पीडिता से बोला की उसकी बहन पीडिता को घर पर बुला रहीं हैं ऐसा कहकर वह पीडिता को अपने साथ घर पर ले गया। पीडिता जैसे की आरोपी के घर के अंदर गई, दूसरा आरोपी बबलू भी आ गया और उसने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। दोनो आरोपीयों ने पीडिता के हाथ-पैर और मुंह बांध कर उसके साथ बलात्कार करके वहां से भाग गये। पीडिता की माँ व बहने उसे ढुंढते हुए वहा आई, तो पीडिता ने सारी घटना उनको बताई। इस घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना रामपुरा में की गई, जिस पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 107/2014, धारा 363, 366, 342, 376 भादवि तथा धारा 5/6 पॉक्सों एक्ट के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचना में पीडिता का मेडिकल कराने, आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद शेष विवेचना पूर्ण कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा पीडिता, बलात्कार प्रमाणित करने के लिए मेडिकल करने वाले डॉक्टर, पीडिता को नाबालिक प्रमाणित वाले आवश्यक गवाहों सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान न्यायालय में कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। दण्ड के प्रश्न पर अभियोजन की ओर से श्री चौहान द्वारा तर्क दिया गया कि आरोपीयों द्वारा नाबालिक से बलात्कार किया गया हैं, इसलिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नाबालिकों के विरूद्ध बढते हुए अपराधों को देखते हुए कानून की मंशा अनुसार आरोपीयों को कठोर दण्ड से दण्डित किया जायें। अभियोजन के तर्को से सहमत होकर श्री अखिलेश कुमार धाकड़, अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा आरोपीगण (1) महेश पिता श्यामलाल रेगर, उम्र-20 वर्ष, निवासी-नाका नम्बर 2, रामपुरा, जिला नीमच तथा (2) बबलू पिता प्रभुलाल रेगर, उम्र-20 वर्ष, निवासी-जमुनिया रावजी, थाना मनासा, जिला नीमच को धारा 363 भादवि (अपहरण करना) में 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास व 500-500रू जुर्माना, धारा 366 भादवि (संभोग करने के लिए अपहरण करना) में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 700-700रू जुर्माना, धारा 342 भादवि (जबरन रोकना) में 06-06 माह का सश्रम कारावास व 300-300रू जुर्माना तथा पीडिता अव्यस्क थी इसलिए आरोपीयों को धारा 376 भादवि के स्थान पर धारा 5/6 पॉक्सों एक्ट (नाबालिक का बलात्कार करना) में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 800-800रू जुर्माना से, इस प्रकार दोनो आरोपीयों को कुल 15 वर्ष 06 माह-15 वर्ष 06 माह के सश्रम कारावास तथा 2300-2300रू जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री जगदीश चौहान, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
नाबालीक से बलात्कार करने वाले 02 आरोपीयों को 15-15 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माना।
