कालिन्दा ने बनाई बैंक सखी के रूप में अपनी अलग पहचान
नीमच 27 अगस्त 2024, नीमच जिले की ग्राम छाछखेडी में जय दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह से जुडकर श्रीमती कालीन्दा भुवानी शंकर मालवीय ने आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई है, वह कियोस्क सेन्टर का सफलतापूर्वक संचालन कर प्रतिदिन आठ सौ रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही है। स्व-सहायता समूह से जुडकर कालिन्दा न केवल कियोस्क सेंटर का संचालन कर रही है, बल्कि बैंक सखी बनकर प्रतिवर्ष 2.88 लाख रूपये की आय प्राप्त कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई है। इस समूह से उसके परिवार की अन्य महिलाएं भी जुडी हुई है और वे प्रतिवर्ष 1.40 लाख रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही है। समूह से जुडने से पहले कालिन्दा गृहणी के रूप में कार्य करती थी और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी।
स्व-सहायता समूह से जुडकर श्रीमती कालिंदा मालवीय की पहचान अब बैंक सखी के रूप में हो गई है। अब वह बैंक सखी के रूप में गांव में लेन देन का कार्य कर रही है। इससे बैंकिंग कार्य में ग्रामीण अन्य महिलाओं को भी काफी सुविधा हुई है।
इस तरह स्व-सहायता समूह से जुडकर कालिन्दा मालवीय ने अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। समूह से जुडने के बाद उन्होने गांव में अपना पक्का मकान बना लिया है। स्कूटी वाहन खरीद लिया है। लैपटॉप भी खरीदा है। उसके बच्चे अच्छे स्कूल में पढाई कर रहे है। स्व-सहायता समूह की वजह से कालिन्दा मालवीय के जीवन एवं परिवार में काफी बदलाव आया है। वे आज महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गई है।