नीमच 27 जून 2018, अब बेटियों को बोझ समझने की विचारधारा में सभी वर्गो में काफी बदलाव नजर आ रहा है। शासन द्वारा प्रारम्भ की गई लाडली लक्ष्मी योजना से, बेटियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में जबरदस्त बदलाव आया है। आज समाज बेटियों को बोझ नही, लक्ष्मी के रूप मे देख रहा है। परिणाम स्वरूप इस योजना से जहां एक ओर बालिका भ्रूण हत्या एवं बाल विवाह जैसी बुराईयों पर अंकुश लगा हैं, वहीं दूसरी ओर बालिका शिक्षा को भी बढावा मिला है। योजना की पात्रता- बेटी के माता पिता मध्यप्रदेश के निवासी हो, और आयकर दाता न हो, द्धितीय बालिका के प्रकरण में आवेदन करने से पूर्व माता या पिता ने परिवार नियोजन अपना लिया हो । आवेदन एवं पंजीकरण- आवश्यक दस्तावेजों के साथ लोक सेवा केंद्र, आंगनवाडी कार्यकर्ता, परियोजना कार्यालय अथवा इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है। प्रकरण स्वीकृति के लिए सभी जरूरी दस्तावेजों का परीक्षण परियोजना कार्यालय से कराया जाना आवश्यक है। प्रकरण स्वीकृति उपरांत बालिका के नाम से शासन की ओर से 1.18 का ई-प्रमाण पत्र जारी कर, हितग्राही को दिया जाएगा। राशि का प्रदाय- लाडली लक्ष्मी योजना के तहत बालिका के कक्षा 6 टी मे प्रवेश लेने पर 2 हजार रूपये, कक्षा 9 वीं में प्रवेश लेने पर 4 हजार रूपये, कक्षा 11 वीं में प्रवेश लेने पर 6 हजार रूपये एवं कक्षा 12 वीं में प्रवेश लेने पर 6 हजार रूपये ई-पेमेंट के माध्यम से छात्रवृति प्रदाय की जाएगी। लाडली लक्ष्मी योजना के तहत अंतिम भुगतान बालिका की आयु 21 वर्ष होने पर एक लाख रूपये तक्षा कक्षा 12 वीं की परीक्षा में शामिल होने पर भुगतान की जाएगी। परन्तु बालिका की शादी 18 वर्ष के पहले नही हो। इस योजना के तहत नीमच जिले में योजना लागू होने से लगाकर अब तक कुल 32 हजार 41 बेटियों को लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है।
लाडली लक्ष्मी योजना से बदला सामाजिक दृष्टिकोण अब जहां बेटी जन्म लेती वहां खुशियां मनाते हैं लोग
