(जेपी तेलकार, 9303273037) की रिपोर्ट@ सोमवार को सुबह गांव फतेहपुर में घुसे तेंदूए के हमले में वृद्ध महिला समेत चार घायल हो गए। भीड़ के भागने के दौरान इस इंस्पेक्टर सहित अन्य चार लोगों को भी चोंटे आई। साढ़े तीन घंटे बाद भी वनविभाग की टीम नही पहंुची तो ग्रामीणों ने तेंदूए को पकड़ लिया। हालांकि बाद में उसकी मौत हो गई। बताया गया दो तेंदूए थे, जिसमें से एक भाग गया। जानकारी के अनुसार नारायणगढ़ थानान्तर्गत गांव फतेहपुर नई आबादी निवासी 85 वर्षीय हमेरीबाई पति रामलाल अहिरवार सोमवार को प्रातः पौने सात बजे शौच के लिए जा जंगल जा रही थी, इसी दौरान दो तेंदूए ने उन पर हमला कर दिया, वृद्धा को लहूलुहान हो गई। ग्रामीण वरदीचंद पिता फतेहसिंह व बबलू पिता जयसिंह ने जब यह देखा तो उन्होंने पत्थर फेंककर वृद्धा को छुड़ाया, वृद्धा को नारायणगढ़ में प्राथमिक उपचार के लिए ले गए, जहां से मंदसौर रेफर कर दिया, बताया गया वृद्ध को घायल करने के बाद एक पेंथर खेत की घास में घुस गया, वहीं एक भाग गया। इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग व पुलिस को दी। नारायणगढ़ पुलिस तो पहंुच गई, लेकिन वनविभाग के अधिकारी नही पहंुचे तो दस बजे करीब ग्रामीणों ने ही तेंदूए को पकड़ने की हिम्मत जुटाई, जिस घास में तेंदूआ घुसा था, वहां ग्रामीण पहंुचे। तेंदूए के गांव में घुसने की सूचना पर कवरेज के लिए खेत के पास पहंुचे नारायणगढ़ के प्रेस फोटोग्राफर रमेश पेंटर पर तेंदूए ने हमला कर दिया, जिसे बचाने आए फतेहपुर निवासी नागूसिंह (38) पिता बहादूरसिंह भी तेंदूए के हमले में घायल हो गए। ग्रामीणों के चिल्लाने पर तेंदूआ फिर घास में घुस गया। तेंदूए के गांव में घुसने की खबर से आस-पास क्षेत्र में दहशत फैल गई, करीब दस गांव के ग्रामीण फतेहपुर में एकत्रित हो गए। भीड़ बड़ी तो ग्रामीणों का हौंसला भी बढ़ गया और ग्रामीणों ने खेत के पास जाकर हाका किया व तेंदूए को घेरा तो तेंदूआ खेत से निकलकर भागा, इस दौरान तेंदूआ खेत के पास खड़े वरदीचंद पिता फतेहसिंह बावरी पर लपका और हाथ पकड़ लिया, वरदीचंद ने भी साहस दिखाते हुए तेंदूए को पकडने की कौशिश की, इस दौरान एकत्रित ग्रामीणों ने वरदीचंद को छुड़ाने के लिए तेंदूए पर रस्सी का फंदा डाला व लट्ट से वार किया। हाथ छुड़वाने के बाद तेंदूए को रस्सी से बांध दिया। कुछ देर बाद वन विभाग की टीम पिंजारा व जाल ले कर पहंुची, ग्रामीणों ने बंधे तेंदूए को वन विभाग के पिंजरे में बंद कर दिया। यह घटनाक्रम करीब एक घंटे तक चला। जिसे लेकर टीम मंदसौर पहंुची, लेकिन उसकी रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो चुकी थी। *सब इंसपेक्टर सहित अन्य ग्रामीण भी हुए घायल:-* तेंदूए के खेत ही निकलते ही ग्रामीणों भागे, इसी दौरान मौके पर तैनात झारड़ा चौकी प्रभारी संुदरसिंह कनेश भी गिरने से घायल हो गए। उन्हें हल्की चोंटे है। इसी दौरान भागने के दौरान गिरने से चार अन्य ग्रामीण भी घायल हुए है, जिनका प्राथमिक उपचार कराया गया। इसके अलावा भी कई लोगों को चोंट आने की खबर है। *कांग्रेस नेता व पुलिसकर्मी चढ़े मकान पर:-* वन विभाग की टीम गांव पहंुची तो उनका कहना था क्षेत्र में लकड़बग्गा होगा, तेंदूआ नही हो सकता। इसको लेकर कांग्रेस नेता श्यामलाल जोकचन्द्र एक पुलिसकर्मी के साथ कच्चे मकान की छत पर चढ़े और खेत की घास में देखा, लेकिन उस दौरान तेंदूआ नही दिखा। *संभवतः पानी के तलाश में भटका तेंदूए का जोड़ा:-* तेंदूए का जोड़ा संभवतः पानी की तलाश में भटका होगा। क्योंकि फतेहपुर क्षेत्र के आस-पास कोई जंगल नही है, जहां से तेंदूआ आ सके। गांव के बलवंतसिंह चौहान का कहना है संभवतः तेंदूए का जोड़ा झारड़ा रेतम नदी (जो आधी सुखी है) में होकर गांव तक पहंुच गया। रेतम नदी चम्बल तक जुड़ी है, एसे में नदी क्षेत्र से ही आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। *कांग्रेस नेताओं ने घायलों को पहंुचाया अस्पताल:-* तेंदूए के गांव में घुसने पर ग्रामीणों की सूचना पर प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र, महासचिव कमलेश पटेल, भूपेन्द्र महावर आदि भी गांव फतेहपुर पहंुचे, इस दौरान पेंथर के हमले व पकड़ने में घायल हुए लोगों ने मंदसौर जिला अस्पताल ले गए। जोकचन्द्र ने आरोप लगाया वन विभाग की लापरवाही से यह घटना हुई, सुबह सूचना मिलने के बाद अगर टीम समय पर पहंुच जाती तो शायद तेंदूए की भी मौत नही होती और लोग भी घायल नही होते। *डीएफओ मयंक चांदीवाल से हुई बात:-* *तेंदूए के गांव में घुसने के बाद भी वन विभाग ने पकड़ने की रुचि नही ली ?* कोई कुछ भी कह सकता है, नौ बजे सूचना आई और तत्काल सभी अधिनस्त कर्मचारियों को टीम के साथ रवाना कर दिया था, सभी के एकत्रित होने में कुछ देरी हुई। *वन विभाग के टीम ने कहा लकड़बग्गा होगा ?* कई बार लोग पहचान नही कर पाते है, कई बार लकड़बग्गे को शेर, चीता, पेंथर बता देते है, यही कंफ्यूजन कई बार होता है। सूचना के बाद हमने कोई लापरवाही नही बरती। तत्काल टीम को भेजा। *एक और तेेंदूआ था, उसको पकड़ने की क्या कौशिश हुई ?* मैं और मेरी टीम क्षेत्र में ही है। पूरे क्षेत्र में आस-पास के गांव में जाकर सूचना दी कि बाहर अकेले बाहर न घूमे। भीड़ एकत्रित न करें, अगर तेंदूए के बारे में कोई जानकारी मिलती है तो तत्काल वन विभाग को सूचना करें। *तेंदूए की मौत कैसे हुई ?* पीएम रिपोर्ट तो नही आई है। पीएम करने वाले चिकित्सक ने इंटरनल ब्लडिंग व मंूह दबाने से सांस नही लेने के कारण सपोगेशन से पेंथर की मौत होना बताया है। तेंदूआ डेढ़ से दो वर्ष का होकर नर था। *मामले में प्रकरण दर्ज हुआ है ?* अज्ञात भीड़ करीब 1000 लोग थे, जिनके खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 972 की धारा 9 में अज्ञात भीड़ के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
फतेहपुर में घुसा तेंदूए का जोड़ा, महिला सहित चार को किया घायल, सब इंस्पेक्टर सहित कई ग्रामीणों को आई चोंटे,तीन घंटे बाद भी वन विभाग की टीम नही पहंुची तो ग्रामीणों ने जुटाई तेंदूए को पकड़ने की हिम्मत, एक घंटे में पकड़ लिया, बाद में हो गई मौत, अज्ञात 1000 ग्रामीणों पर मामला दर्ज।
