इंदौर। भोपाल की स्पेशल कोर्ट से शनिवार को जमानत मिलने के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय को रविवार सुबह जेल से रिहा कर दिया है। बड़ी संख्या में सर्मथक सुबह रिहाई के दौरान उनसे मिलने पहुंचे। विधायक आकाश ने जेल से निकलने के बाद कहा कि क्षेत्र की जनता के लिए हम आगे भी काम करते रहेंगे। जेल में समय अच्छा बीता। रिहाई के बाद वे सीधे भाजपा कार्यालय गए और इसके बाद अपने घर पहुंचे। घर पहुंचने पर वहां उनका फूलमाला और मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया, इस दौरान वहां विधायक रमेश मेंदोला भी मौजूद रहे।यहां वे दिनभर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करेंगे। केस डायरी में जर्जर मकान खतरनाक होने के दस्तावेज नहीं मिले नगर निगम अधिकारियों से मारपीट करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और बिना अनुमति धरना- प्रदर्शन करने के मामलों में आरोपित भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत ने शनिवार को सक्षम जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए। सांसदों-विधायकों के खिलाफ प्रकरणों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने दोनों मामलों में सुनवाई की। अदालत ने कहा कि केस डायरी में जर्जर मकान खतरनाक होने के दस्तावेज नहीं मिले हैं। जांच भी पूरी हो चुकी है। विधायक को पहले मामले में 50 हजार और दूसरे मामले में 20 हजार रुपए की जमानत व बंधपत्र दिए जाने पर छोड़ने के आदेश हुए हैं। विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने विधायक विजयवर्गीय के दोनों जेल रिलीज ऑर्डर भी एमजी रोड पुलिस अधिकारियों को सौंप दिए। पांच पक्षों की आपत्ति पर वकीलों ने इस तरह दिए तर्क... अविनाश सिरपुरकर (विधायक के वकील) : उन्हें राजनीतिक रंजिश के चलते झूठा फंसाया गया है। वे सिर्फ नगर निगम की अवैधानिक कार्रवाई का विरोध शांतिपूर्ण ढंग से करने गए थे, लेकिन निगम कर्मियों ने महिला के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की। लोगों को बचाने के लिए जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्होंने अपना विरोध प्रकट किया था। आकाश तेलंग (वकील) : यदि विधायक विजयवर्गीय को जमानत दी गई तो समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने योजनाबद्ध ढंग से पूरी घटना को अंजाम दिया है जबकि वे जनप्रतिनिधि होने के साथ कानून निर्माता के रूप में भी अपनी भूमिका अदा करते हैं। आरके पांडे (वकील) : विधायक विजयवर्गीय के पिता कैलाश विजयवर्गीय ने भी पूर्व में महापौर रहते हुए एक पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की थी।
जेल से रिहा हुए विधायक आकाश विजयवर्गीय
