प्रकाश एस जैन@ कुकड़ेश्वर। । "" है जिनवाणी हितकरी प्यारे ,,जिवन में लो समता को उद्धार प्यारे जिवन में, आगम की हैअमृत, पावन होते प्रावत प्राणी "" ये मधुर पंक्ति के भाव बता रहे की "सोचा जाणमं कल्याणं,, सोचा न जाणमं पापं,,जिवन में सोचना व सुनकर जानना ही कल्याण का मार्ग है व सुन कर सोचकर नहीं जानना पाप का कारण है, यहां हमें हमें सुंदर पंक्तियां वह दोहा बता रहा है सुनकर नहीं जानना और सुन को जानना और आचरण में लेना कल्याण का मार्ग है कोई इन दोनों मार्ग में जो अच्छा लगे फिर से लगे उसे अपनाना है यह अनमोल मानव जीवन मिला है कल्याण का मार्ग अपना ले तो भटकाव मिट जाएंगे आपका अपना जीवन हितकारी नहीं है यही भटकते रहना है और जिसने जीवन में उतार लिया और पुण्य के मार्ग पर चला उसका कल्याण होगा नो पूर्ण के मार्ग में लयन पूण्य में की भूमि प्रदान करना भूमि दान करना भूमि भी की जगह दान करना इसके बारे में आपने बताया पोसध शाला पाठशाला औसध साला के लिए लयन दान से महा लाभ मिलता है लेकिन आज इस लयन के लिए भूमि के लिए दुनिया में झगड़ा हो रहे हैं जर जोरू जमीन के लिए भाई भाई आपस में लड़ रहा है खून खराबा हो रहा है हमें महापुरुष के द्वारा फरमायी जिनवाणी को सुनकर अपनी आत्मा के कल्याण करने वाले मार्ग को अपनाना है अपना जीवन सफल होगा उक्त बात निमित्त प्रवचन माला के दौरान शासन दीपिका प पू श्री प्रेमलता जी म सा ने जैन धर्म शाला में फरमायी इस अवसर पर प पू श्री कल्प मणी जी म सा ने बताया कि आत्मा का सार है वितराग और वितराग किसे कहते हैं जो राग भाव को छोड़कर आत्म चिंतन कर ले उसे वितराग कहते हैं जिस प्रकार दूध का सार घी हैं फूल का सार सेंटर और भोजन का सार श्रुधा है उसी प्रकार आत्मा का सार है वितराग बनना है तो 11 गुण स्थान को छोड़ और 14 गुणस्थान मन वचन काया आदि को वश में कर आत्मा को परमात्मा से लगाना है इस अवसर पर सुमंगला श्री जी म, सा, ने राम गुरुवर तुम कितने महान हो लाखों भक्तों के अरमान हो लाखों भक्तों के अरमान हो इस अवसर पर प्रतिवर्ष स्वाध्याय करने जाते कानोड़ के सुश्रावक श्री नानालाल जी पितलिया कानोड़ ने अपने विचार में बताया की जिनवाणी सुनो और मोक्ष मार्ग को जानो आपने बताया की स्वभाव से जो पूण्य का उर्पाजन कर लेता है वही आत्मा मोक्ष ग्रामी बनती है कानोड़ बहू मंडल द्वारा स्तवन भी पेश किया कुकड़ेश्वर में आज पांच जगह से श्री संघ पधारे जिसमें रमेश जी रूपा परिवार मनासा उनकी ओर से स्थानक भवन में 1111 रुपये भेंट किए एवं आज प्रभावना योगेश कुमार चौधरी शुजालपुर रुपावत परिवार मनासा विजय कुमार जी श्रीमान कुकड़ेश्वर की ओर से प्रभावना रही एवं कुकड़ेश्वर में बहु मंडल कानोड़, पिपलिया बुजुर्ग , शुजालपुर, महिदपुर रोड़, से महारासाहब श्री के दर्शन करने पधारे
मानव जिवन कल्याण का मार्ग है, लयन पुण्य भव नासिनी है--प पू श्री प्रेमलता जी म सा
