हरफनमौला किशोर कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने सफल फिल्मी करियर में गायन, निर्देशन, प्रोडक्शन, अभिनय, गीत लेखन और संगीत देने जैसे बहुत सारे काम किए। उनका लिखा खत भी एक अलग स्तर का होता था। वो पूरी कोशिश किया करते थे कि पढ़ने वाला हंस नहीं पाए तो कम से कम मुस्कुराए जरूर। वे इन चिट्ठियों में पता भी बड़े मजेदार अंदाज में लिखा करते थे। उनके जन्मदिन 4 अगस्त पर ऐसा ही एक खत वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर किशोर दा मजेदार अंदाज में अपना पता लिखा है। किशोर कुमार ने अपना पता लिखा है - पंडित किशोरदास 'खंडवा वासी', बंबई बाजार रोड - गांजा गोदाम के सामने - लायब्रेरी के निकट वाला बिजली का खंबा जिसपे लिखा है 'डोंगरे का बालामृत' बता दें कि पिछले साल भी एक खत वायरल हो रहा था जो कथित तौर पर किशोर कुमार ने लता मंगेशकर को लिखा था। इस खत के असली होने की बात पर कहा जा रहा था कि इसकी तस्वीरें 2013 में खुद लता ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की थीं। इन खतों में किशोर कुमार ने अपनी चिर परिचित शैली में रोचक अंदाज में बातें लिखी हैं। खत की सबसे खास बात यह है कि किशोर ने एब्सट्रैक्ट शैली में दो ब्लैक एंड व्हाइट स्केचेस भी बनाए हैं जिसमें उनकी बतौर चित्रकार प्रतिभा की झलक देखने को मिलती है।लता मंगेशकर को किशोर कुमार अपनी दीदी मानते थे। पत्र में उन्होंने यही संबोधन लिखा है। असल में, उन्हें लता के साथ तय हो चुकी रिकार्डिंग का दिन बदलवाना था, इसलिए वे लता से बात करना चाह रहे थे। चूंकि फोन पर बात नहीं हो सकी तो उन्होंने खत लिख दिया। उन्होंने लिखा कि, "मैंने रात में फोन लगाया था, तुम निंद्रा में थी, मैंने जगाना उचित ना समझा अंत में स्वयं का नाम उन्होंने "किशोर दा गड़बड़ी" लिखा। 28 नवंबर 1967 के दिन किशोर फिल्म्स के लेटरपेड पर लिखे इस पत्र में किशोर लता से मनुहार कर रहे हैं कि वे पहली बार फौजियों के कार्यक्रम में प्रस्तुति देने जा रहे हैं, इसलिए उनके साथ तयशुदा गीत की रिकार्डिंग आगे बढ़वा दी जाए। तारीख बढ़वाने के लिए किशोर ने बहुत प्रेम से निवेदन किया। पत्र खत्म होने पर हस्ताक्षर कर चुकने के बाद पेज पर तरफ तिरछी लाइन में उन्होंने विकल्प भी सुझाया कि दिसंबर में दो, तीन, चार, पांच तारीखें खाली हैं, इनमें से किसी भी दिन रिकार्डिंग करवा ली जाए।
किशोर कुमार का मजेदार अंदाज ऐसे लिखते थे अपना पता
