नीमच 01 फरवरी 2020 (केबीसी न्यूज)। इस अहम जलसे में हाजरी की तोफीक हुई जिसमें कुरआने पाक की फजीलत पर तकरीर के बाद सात हाफिज-ए-कुरआन की दस्तारबंदी हुई । हुजूर-ए-अकरम स.अ. ने फरमाया तुममें सबसे बेहतर वह है जो कुरआन पढ़े व पढ़ाए और उसकी तिलावत करे । जाहिर है यह बच्चे फोरन तैयार नहीं हो पाए होंगे, जिन बच्चों के मुंह से अल्फाज भी सही तरीके से नही निकल पा रहे हों उनको तैयार करने के लिए मुअल्लिम (शिक्षक) की काफी मेहनत रही है किसी बात को पेश करना जो पहले याद ही क्यूँ न हो फिर भी मजमा का रोब इतना पड़ता है की याद की हुई बात भी भूलने में आ जाती है यह बात मुफ्ती जमालुद्दीन हैदराबाद ने कही वह स्कीम न.9, स्थित मदरसा दारूल उलुम इस्लामिया नीमच केन्ट में जल्सा-ए-दस्तारबंदी व तहफ्फुज-ए-जम्हुरियत कार्यक्रम में बतौर अतिथि रात 8 बजे बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि बेहद मुश्किल काम को आसान डरने में यहां के जिम्मेदारों का अहम योगदान है । मुअल्लिमों (शिक्षक) को मुबारकबाद देता हूं । इन्होंने शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किया । आज जो कार्यक्रम पेश किया गया वह आज के हालात के हिसाब से पेश किया गया । यहां के रहने वाले भी मुल्की हालत से वाफिक हैं। जो कार्यक्रम में पेश किया गया कम समय से भरपुर तैयारी के साथ पेश किया गया और इन दीनी खिदमतगुजारों का साथ दिया है। 22 हाफिज-ए-किराम मुख्तसर अल्प समय-समय में तैयार हुए है। हजरत मौलाना साबिर ने कहा की मुल्क-ए-अजीज के अंदर किस तरह के हालात बने हुए हैं, अब जरुरत इस अमल की है कि मुसलमानों के अंदर भरोसा कायम हो । हमारी की वजह से दूसरी ताकतें फायदा उठाना चाहती हैं । जो भी कलमा पढ़ने वाला है वह हमारा भाई है चाहे किसी भी कोने में रहता हो । साहाबा-ए-किराम को हम पढ़कर देखें उनमें कितनी मोहब्बत थी । एक मुसलमान दूसरे मुसलमान के लिए उस ईंट की तरह है जो की एक दूसरे से जुड़ी रहती है । एक दूसरे की ताकत बढ़ाएँ और जरुरत इस बात की है कि हम फिरकों में न बॅंट कर आपस में जुड़ जावें और मुहब्बत सामाजिक बुराईयों सुबूत दें । इस अवसर पर हाजी एम.जेड़ कुरैशी, हलीम हाजी, साबिर, हब्बु भाई, शाकीर भाई, मास्टर अब्दुल वहीद खान, सदर युनूस कुरैशी, पूर्व पार्षद हारूण कुरैशी, इलियास भाई कुरैशी, युसूफ भाई फर्नीचर्स, नदीम भाई कुरैशी, जमील कुरैशी, मुफ्ती अशरफ कासमी महिदपुर, मुफ्ती अकरम नागदा, मौलाना साबिर रामपुरा, कमलुद्दीन किशनगढ़, मोहम्मद खान भोपाल उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन तोफिक भाई मोलाना ने किया ! अंत में दुआ मांगी एवं नमाज अदा की गई व तबर्रुक (प्रसाद) तकसीम किया गया ।
कुरान हाफिज कंठस्थ करने वाले सात बच्चों की दस्ताबंदी की गई
