Indore News : इंदौर। स्वच्छता में देशभर में नाम कमाने वाला इंदौर दूसरे शहरों के लिए मिसाल था, लेकिन टाटपट्टी बाखल में डॉक्टरों से मारपीट और पथराव की घटना से अब शर्मसार हो रहा है। दूसरे प्रदेश अब इंदौर की गलतियों से सबक लेने जैसे उदाहरण अपने राज्य के अफसरों को दे रहे हैं। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को किसी भी कीमत पर इंदौर नहीं बनने देंगे। योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में तब्लीगी जमात के लोगों द्वारा महिला स्वास्थ्य कर्मियों के साथ की गई अभद्रता पर बेहद सख्त तेवर दिखाए हैं। उन्होंने ऐसे सभी लोगों पर रासुका लगाने का आदेश देते हुए कहा कि ये लोग न कानून को मानेंगे, न व्यवस्था को। इन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उधर, कोरोना के मामले में इंदौर की स्थिति खराब हो रही है। कोरोना के मरीजों की संख्या 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है और व्यवस्था संभल नहीं पा रही है। कई ऐसी गलतियां रहीं जिससे इंदौर में कोरोना ने पैर पसार लिए। ये चूक इंदौर पर पड़ी भारी प्रशासनिक चूक देश में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद अन्य राज्यों और विदेश से लोग इंदौर आते रहे। सख्ती से स्क्रीनिंग व्यवस्था देरी से लागू की गई। प्रशासन ने कोरोना को गंभीरता से नहीं लिया। कानून व्यवस्था सख्त नहीं होने से जनता कर्फ्यू के दौरान राजवाड़ा और पाटनीपुरा पर जुलूस निकल गए। प्रशासन और पुलिस ने नर्म रवैया अपनाया। इस वजह से लॉकडाउन के बीच सरकार को कलेक्टर और डीआईजी बदलने पड़े। जांच में देरी मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर होने के बावजूद इंदौर में कोरोना की जांच को लेकर ढिलाई बरती गई। जब प्रदेश के दूसरे शहरों में कोरोना के संक्रमित मिल रहे थे, तब भी इंदौर में जांच की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। इंदौर से सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे जा रहे थे। बाद में इंदौर की लैब में जांच शुरू हुई, लेकिन क्षमता कम थी। इसे बाद में बढ़ाया जा सका। संक्रमित इलाकों में सुरक्षा नहीं जिन इलाकों में संक्रमित मिल रहे हैं, वहां मेडिकल स्टाफ को पुलिस की सुरक्षा ठीक से नहीं मिल पाई। रानीपुरा में डॉक्टरों पर थूकने जैसी घटनाएं होने के बाद भी टाटपट्टी बाखल में पर्याप्त सुरक्षा के बगैर डॉक्टरों की टीम भेज दी गई और उन पर भीड़ ने पथराव कर दिया। इस घटना के बाद अब एसएफ और रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां इंदौर भेजी गईं।
योगी आदित्यनाथ बोले, उत्तर प्रदेश को नहीं बनने देंगे इंदौर
