जिला अस्पताल में संचालित वन स्टाप सेंटर में टूटते घरों को बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है। दो मई 2018 से सेंटर का संचालन किया जा रहा है। इसमें किसी भी हिंसा से पीड़ित महिलाओं व बालिकाओं के कुल 1478 आवेदन में 1126 का निराकरण किया गया है।
वन स्टाप सेंटर पर पति-पत्नी को समझाइश देकर उनकी गृहस्थी को बचाया।
शराब की वजह से पति-पत्नी के रिश्ते में बीच आई दरार को वन स्टाप सेंटर ने दूर किया। पति शराब के नशे में पत्नी से मारपीट करता था। इसमें परेशान होकर पत्नी अपने मायके चली गई। वन स्टाप सेंटर पर पति-पत्नी को समझाइश देकर उनकी गृहस्थी को बचाया। पति खुशी-खुशी अपनी पत्नी व बच्चों को साथ लेकर घर गया।
टूटते घरों को बचाने में अहम भूमिका
दरअसल जिला अस्पताल में संचालित वन स्टाप सेंटर में टूटते घरों को बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है। दो मई 2018 से सेंटर का संचालन किया जा रहा है। इसमें किसी भी हिंसा से पीड़ित महिलाओं व बालिकाओं के कुल 1478 आवेदन में 1126 का निराकरण किया गया है। वहीं वर्तमान में 15 प्रकरणों की कार्रवाई जारी है।
शराब पीकर करता मारपीट....
सुनीता (काल्पनिक नाम) अपने पति की शराब पीने की लत से परेशान थी। पति द्वारा शराब पीकर पत्नी से मारपीट की जा रही थी। वहीं बच्चों की जिम्मेदारी भी नहीं उठाता था। रात-बेरात वह पत्नी को घर से बाहर निकाल देता था। परेशान होकर पत्नी पिछले दो साल से मायके में रह रही थी। वन स्टाप सेंटर प्रशासक ज्योत्सना सिंह ठाकुर द्वारा महिला से बात कर समझाइश दी गई। महिला को समझाया लड़ाई झगड़ा से बच्चों का जीवन खराब हो रहा है। वहीं काउंसलर चेतना राठौर द्वारा पति-पत्नी को काउंसलिंग के लिए बुलवाया गया। इसमें दो तीन बार काउंसलिंग के बाद पति-पत्नी में समझौता हो गया। दो वर्षों से बिखरा परिवार फिर एक हो गया।