मप्र में मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर अब जिलों में 11 नए आयुर्वेद कॉलेज खोले जाएंगे। दो साल में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके कारण कॉलेजों में करीब 1100 सीटें बढ़ाने की तैयारी है। वर्ष 2027-28 से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। सागर, नर्मदापुरम, शहडोल, धार, झाबुआ, मंडला, बालाघाट, मुरैना, शुजालपुर, श्योपुर, खजुराहो में ये कॉलेज खुलेंगे। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय बोले-इस फैसले से प्रदेश को डाॅक्टर तो मिलेंगे ही, कॉलेजों को फैकल्टी मिल सकेगी।
इसके लिए 5-5 एकड़ जमीन संबंधित शहर के आसपास के क्षेत्र में तलाशी जा रही है। करीब 500 आयुर्वेद प्रोफेशनल्स को इन कॉलेजों में भर्ती किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में वर्तमान में भोपाल, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, बुरहानपुर समेत 7 सरकारी आयुर्वेद कॉलेज संचालित हो रहे हैं। जहां बीएएमएस की करीब 600 सीटें है। इसके अलावा 27 निजी आयुर्वेद कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
जिला कलेक्टर्स को लिखा जमीन आवंटित करने को पत्र
आयुष संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि 2026 का लक्ष्य इन कॉलेजों के निर्माण और भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए रखा गया है। जिला अस्पतालों का 30 बेड के अस्पताल में अपग्रेड कर शुरू में कॉलेज संचालित किए जाएंगे। बाद में कॉलेजों का अलग से अस्पताल बनाया जाएगा। इन कॉलेजों में कुछ में 60 और कुछ में 100 सीटें रहेंगी। नए कॉलेज शुरू करने के लिए आयुक्त आयुष सोनाली पोंछे वायंगणकर ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सुगम स्थान पर पांच एकड़ भूमि आवंटित करने के लिए कहा है।