चलो महाकाली धाम जहा बनते हैं बिगड़े काम कटनी छपरावा में
कटनी के गांव छपराव में महाकाली की अद्भुत में मां की छवि का मंदिर है , जहां पर नो दिन मां का सुंदर का शोभित स्वरूप ऐसा लगता है जैसे मृत्युलोक पर साक्षात मां के दर्शन हुए हो। मां की छवि निहारते रहे तो भी मन भी भरता। आद्य शक्ति महाकाली हर वक्त अपने भक्तों की पुकार सुनती हैं जो भक्तजन सच्चे मन श्रद्धा से जो मांगता हैं मां उसे निराश नही करती और देती हैं। इस मंदिर में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है।
यहा मां महाकाली का रोज श्रँगार किया जाता हे।
दुर्गा सप्तशती के होते हैं पाठ व किया जाता है प्रतिदिन श्रृंगार पूजन -
मां का प्रथम रूप शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है सेल का अर्थ पर्वत यह रूप पर्वत की पुत्री देवी पार्वती संदर्भित करता है
मां दुर्गा का रूप ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है
तीसरा रूप मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है
देवी का चौथा स्वरूप कुष्मांडा का नाम से जाना जाता है
मां दुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है
कात्यानी देवी का छठा रूप है
देवी का सातवां रूप का कालरात्रि है
देवी आठवां रूप महागौरी है
देवी का नौवां रूप सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है
नवरात्रि मैं मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।
पुजारी के अनुसार :-
मां महाकाली धाम के पुजारी संतोष तिवारी जी ने पूर्व में 1111 कलश एवं ज्योत जलाए गए थे जो की ऐतिहासिक था पुजारी जी ने बताया यहां आने वाले माँ के भक्तो की मन्नत पूरी हुई भक्तों द्वारा त्रिशूल चुनरी भेट किया गया है