ईवी कचरा गाडी की बैटरीया चोर होन से कचरे के अम्बार से भरे गली मोहल्ले जिम्मेदार हुए मौन तो सुध लगा कोन ?
मधुसूदन शर्मा @ स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर देश में बडी-बडी योजनाएँ चल रही है । ताकि स्वच्छ सम्पुर्ण भारत लक्ष्य को पुरा किया जा सके। यह योजनाए षहर से लेकर ग्राम पंचायतों तक लागु होती है । सरकार पंचायतो के अर्न्तगत आने वाले गाँवो का कचरा गाँव से बाहर ढोने के लिए वाहन भी उपलब्ध करवाती है । ताकि गाँवो में भी स्वच्छता बनी रहे ओर गन्दगी और अस्वच्छता से होने वाली बीमारीयो से बचा जा सके।
यदि बात कि जाए नीमच जिले के भरभडियाँ ग्राम पंचायत कि तो यहा लगभग दो साल से कचरा ढोने की सैवाएँ ठप्प है । यहा लगभग दो वर्श पहले कचरा गाडी (इलैक्ट्रीक वाहन) से कचरा फैकने गए वाहन में कुछ तकनीकी समस्या आने से वाहन रास्ते में ही बंदा हो गया था।
तत्पशष्चात् वाहन चालक द्वारा कचरा ढोने वाले वाहन को गाँव से दुर रास्ते मे ही खडा कर दिया जिससे एकान्त ओर सुनसान रास्ता देखकर चोरो द्वारा इलैक्ट्रीक कचरा गाडी की बैटरीयाँ चोरी कर ली गई ।
पंचायत सचिव लाभचंद गुर्जर को जब इसकी सुचना मिली तो जिम्मेदारी के नाम पर सिर्फ केन्ट थाने मे रिर्पाट दर्ज कराकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडा। वही ठीक इसके विपरीत बैटरी चोरी घटना क्रम के बाद सचिव लाभचंद गुर्जर की घौर उदासीनता के चलते भरभडिया पंचायत को अभी तक गाँव को कचरा ढोने के लिए वाहन उपलब्ध नही हुआ। खबर के सन्दर्भ मे जब सचिव लाभचंद से उनका पक्ष जानने के लिए सर्म्पक किया गया तो सचिव द्वारा फोन नही उठाया गया। गाँव में आम रास्तो पर , नालीयो के किनारे ,चौराहो पर , सर्वजनिक परिसर मन्दीर , स्कुल आदि जगहो पर गन्दगी व कचरे के अम्बार लगे मिले ।कचरा नही उठने पर गाँव में दुर्गन्ध व बिमारीयो का खतरा बना रहता है। हालाँकी पंचायत द्वारा नालिया से निकलने वाला कचरा , कीचड ढोने के लिए हाथ गाडी का उपयोग किसी उच्च अधिकारी के आने के दिन किया जाता है। अधिकारीयो का पंचायत कार्यलय मे आने के कारण पंचायत कार्यालक के आसपास कभी - कभी सफाई पर विषेश ध्यान दिया जाता है ।
ये हो सकती है कचरा ढोने की अन्य वैकल्पीक व्यवस्था -
1़.कचरा उठाने के लिए वाहन उपलब्ध न हो या योजना के अनुसार वाहन मिलने मे देरी होने पर ग्राम पंचायत किसी अन्य वाहन टैªक्टर , पिकअप या मौटर साइकील जुगाड से भी गाँव का कचरा उठा सकते है।
2. ग्राम पंचायत कचरा उठाने के लिए किसी को टेन्डर के माध्यम से अन्य तरीके के ठेका भी दे सकती है।
ग्रामीणो को काहना - कुछ दिन कचरा गाडी चली जिसमें कचरा डालने पर गर्व महसुस होता था । और गाँव में स्वच्छाता भी दिखती थी ,आज लम्बा समय हो गया गाँव मे कोई कचरा डालने कि व्यवस्था नही है और स्वच्छता भी नही दिखती है।