ढीमरखेड़ा| भारत का राष्ट् ध्वज केवल तीन रंगों का कपड़ा मात्र नहीं, बल्कि यह हमारे गौरव, स्वतंत्रता, बलिदान और एकता का प्रतीक है। जब-जब तिरंगा हवा में लहराता है, यह हमें उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। इसी राष्ट्रभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर “हर घर तिरंगा” अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है तिरंगे को केवल सरकारी भवनों तक सीमित न रखकर हर नागरिक के घर तक पहुँचाना। इसी क्रम में जनपद ढीमरखेड़ा से लेकर उमरियापान तक एक भव्य और ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा न केवल एक सांकेतिक कार्यक्रम थी, बल्कि एक ऐसी भावना का ज्वार थी जिसमें हर उम्र, हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग एकजुट हुए। जनपद ढीमरखेड़ा में सुबह से ही माहौल कुछ खास था। गाँव-गाँव से लोग अपने हाथों में तिरंगा लेकर मुख्य स्थान पर पहुँच रहे थे। बच्चे तिरंगे के रंगों से सजे चेहरे और झंडियाँ लहराते दिख रहे थे। महिलाएँ पारंपरिक परिधानों में तिरंगे के रंग का दुपट्टा ओढ़े, और बुजुर्ग अपने सीने पर तिरंगा बैज लगाए, गर्व के साथ यात्रा में शामिल होने आए। इस आयोजन की कमान संभाल रहे थे विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह, जो हमेशा जनहित और राष्ट्रभक्ति के कार्यों में अग्रणी रहते हैं। उनके नेतृत्व में यह तिरंगा यात्रा एक भव्य स्वरूप लेने लगी। पदाधिकारियों में जनपद सीईओ यजुर्वेद कोरी जिनकी प्रशासनिक दक्षता और समाजसेवा के लिए विशेष पहचान है।जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय। अनिल बागरी जो सामाजिक एकजुटता के लिए लगातार कार्य करते हैं। ढीमरखेड़ा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी, उमरियापान मंडल अध्यक्ष आशीष चौरसिया, और सिलौड़ी मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी तीनों ने इस आयोजन में अपने-अपने क्षेत्रों से लोगों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। इनके साथ-साथ अनेकों सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, व्यापारी, विद्यार्थी और आम नागरिक भी मौजूद थे। तिरंगा यात्रा की शुरुआत जनपद कार्यालय से हुई। यहाँ पर सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया और तिरंगे को सलामी दी। फिर यात्रा जनपद से निकलकर ढीमरखेड़ा थाने तक पहुँची। थाने परिसर में पुलिस अधिकारियों ने भी यात्रा का स्वागत किया और सभी को सुरक्षा एवं अनुशासन का संदेश दिया। यहाँ उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए वे सदैव तिरंगे का सम्मान करेंगे।
*थाने से उमरियापान तक का सफर*
थाने पर औपचारिक स्वागत के बाद तिरंगा यात्रा आगे बढ़ी। यात्रा के मार्ग में हर गली, हर चौक पर लोग खड़े होकर यात्रा का अभिनंदन कर रहे थे। जगह-जगह फूल बरसाए जा रहे थे, देशभक्ति के गीत गूंज रहे थे, और वातावरण "भारत माता की जय" तथा "वंदे मातरम" के नारों से गूंज उठा।जैसे ही यात्रा उमरियापान की ओर बढ़ी, यह एक रैली के रूप में बदल गई। मोटरसाइकिल सवार युवा तिरंगा लहराते आगे बढ़ रहे थे, पीछे खुले ट्रकों और जीपों में महिलाएँ व बच्चे देशभक्ति के गीत गा रहे थे। यात्रा के बीच-बीच में स्थानीय कलाकारों ने ढोल-नगाड़ों और देशभक्ति गीतों से माहौल को ऊर्जावान बनाए रखा। कॉलेज और स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिनके चेहरे पर राष्ट्र के प्रति गर्व साफ झलक रहा था। यात्रा में महिलाएँ भी तिरंगा लेकर आगे-आगे चल रही थीं, यह दर्शाता है कि राष्ट्रभक्ति केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है। पूरी यात्रा में एक अनुशासित माहौल रहा, पुलिस प्रशासन ने यातायात और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की।
*हर घर तिरंगा अभियान का महत्व*
"हर घर तिरंगा" केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव है, जिसमें हर नागरिक अपने घर पर तिरंगा फहराकर यह संदेश देता है कि यह देश मेरा है और मैं इसका जिम्मेदार नागरिक हूँ। विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने संबोधन में कहा तिरंगा हमारी पहचान है, हमारा गौरव है। हमें इसे केवल पर्व या राष्ट्रीय दिवस पर ही नहीं, बल्कि हर दिन दिल में संजोकर रखना चाहिए।