भारत अब जरूरत पड़ने पर दुश्मन देश का पूरा दूरसंचार नेटवर्क ध्वस्त कर सकता है। नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में मिशन शक्ति का जिक्र किया और बताया कि किस तरह आज भारत ने खुद को अमेरिका, रूस और चीन जैसे महाशक्तियों के साथ खड़ा कर लिया है। जानिए क्या है मिशन शक्ति और इससे भारत ने क्या हासिल किया है - आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत ने अब अंतरिक्ष में मंडराते किसी भी सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता हासिल कर ली है। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं। यहां तक कि इजराइल के पास भी यह तकनीक नहीं हैं। यह रक्षा के लिहाज से बहुत अहम है। भारत अब जरूरत पड़ने पर दुश्मन देश का पूरा दूरसंचार नेटवर्क ध्वस्त कर सकता है। जानिए कैसे बिना लड़े किसी भी देश को घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है डीआरडीओ ने अपने इस मिशन का नाम 'मिशन शक्ति' दिया था। इसके तहत अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर लो ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराकर यह उपलब्धि हासिल की है। यह भारत का पहला कदम है। अभी हमने लो ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराया है। दूरसंचार सैटेलाइट अंतरिक्ष में बहुत ऊंचाई पर होते हैं। भारत का अगला कदम इस तरह के सैटेलाइट को ध्वस्त करने की ताकत हासिल करना होगा। यदि भारत ऐसा कर पाता है तो किसी भी देश को बिना लड़े या बगैर खून की एक बूंद बहाए घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है।