मंदसौर। नईदुनिया!@अतिवर्षा के साथ ही मंदसौर जिले के अधिकांश गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित करने में गांधीसागर बांध की देखरेख करने वाले जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही ने जिले के लाखों लोगों की जान दांव पर लगा दी है। बांध में लगभग 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और आवक उससे दुगनी लगभग 11 से 12 लाख क्यूसेक पानी की हो रही है। बांध में हो रही पानी की आवक के चलते बैक वॉटर से जिले के 50 से अधिक गांवों के निचले हिस्सों में रहने वाले लोगों की जान सांसत में है। पुलिस व प्रशासन की टीम रविवार सुबह लगभग पांच से सात हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाना पड़ा। बांध के 19 गेट खोलकर पूरी क्षमता से पानी छोड़ने के बाद भी जलस्तर 1316 फीट पर पहुंच गया। जो बांध के ऊपर पेनस्टॉक गैलरी से बहने लगा। इसके अलावा पानी बिजलीघर में भी घुस गया है। इधर, बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब तबाही की तस्वीरे भी दिखने लगी है। मंदसौर सीतामऊ मार्ग पर ग्राम रुपावली के पास 30 फीट की सड़क ही बह गई है। सीतामऊ-चौमेहला मार्ग पर राजस्थान मप्र सीमा पर स्थित ग्राम धतूरिया में चंबल नदी पर बना पुल भी बह गया है। इसके अलावा ग्राम शक्करखेड़ी केे पास तुंबड़ नदी पर बना पुल भी बह गया है। मंदसौर-मनासा मार्ग पर ग्राम झारड़ा के पास रेतम नदी में आई बाढ़ के चलते पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके चलते मार्ग बंद है। गांधीसागर बांध के सभी गेट 1308 फीट के लेवल पर खोलते रहे हैं। इस बार अधिकारियों ने मौसम विभाग के अलर्ट, लगातार हो रही बारिश को भी नजरअंदाज किया और बांध का लेवल 1312 फीट तक आने का इंतजार किया गया। और जब आवक 7 लाख क्यूसेक से भी ज्यादा हो गई और 19 गेट खोलने के बाद 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी बाहर नहीं निकल रहा है। इसी कारण नीमच जिले के रामपुरा मंे रिंगवाल तोड़कर बांध बनने केे बाद पहली बार पानी घुसा है। शासकीय स्कूलों, धर्मशालाओं में ठहराया गया लोगों को शनिवार रात में गांधीसागर बांध का बैकवॉटर घुसने से मौलाखेड़ी खुर्द के लगभग 150 लोगों को भामखेड़ी, लक्खमखेड़ी के शासकीय स्कूलों में शिफ्ट किया गया था। कुछ लोगों को बालौदा भी पहुंचाया गया है। ग्राम संजीत के आसपास रेतम और चंबल के पानी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर ग्राम खेजड़ी, मगरा, सेसड़ी, पारली में घुस गया। यहां भी कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। ग्राम चंदवासा के पास गांधीसागर डूब क्षेत्र के ग्राम करेलिया से लगभग 15 लोगो को दो दिन में दो बार रेस्क्यु करके निकाला गया है। इन सभी लोगों को शनिवार सुबह ही बर्डिया ऊंचा लाया गया था। पर कुछ लोग घरेलू सामान लेने के लिए शाम को वापस नाव से चले गए। तेज बारिश व बहाव के चलते नाव आते समय डगमगाने लगी तो वही फंस गए। इनके लिए रविवार अलसुबह तीन बजे रेस्क्यु शुरू कर चार बजे बर्डिया ऊंचा लाया गया। शिवना का पानी तो उतरा, शहर में शाम तक भरा रहा पानी लगभग 18 घंटे उफान पर रहने के बाद शनिवार रात 11 बजे से शिवना नदी का पानी उतरना शुरू हुआ था। शिवना की बाढ़ से पशुपतिनाथ मंदिर के पास बने नए पुल की रेलिंग व इलेक्ट्रिक पोल भी टूट गए हैं। शिवना की बाढ़ उतरने के बाद भी शहर में जमा पानी बाहर ही नहीं निकाला जा सका। नपा के दोनों पंप बंद होने से रविवार दोपहर तक शहर के नेहरू बस स्टैंड, सम्राट मार्ग, दयामंदिर रोड, बंडीजी का बाग, चौबदार घट्टा, धानमंडी, पताशा गली, मदारपुरा, नरसिंहपुरा सहित अन्य क्षेत्रों में भरा पानी निकाला नहीं जा सका। इससे लगभग 800 दुकानों में सामान खराब हुआ है वहीं 150 घरों में भी पानी घुसा रहा। परेशान व्यापारियों ने रविवार शाम को सदर बाजार व घंटाघर पर चक्काजाम कर नारेबाजी भी की। आएंगे शिवराजसिंह चौहान जिले में अतिवर्षा व बाढ़ के बाद अब राजनीति भी शुरु हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 16 सितंबर को मंदसौर व मल्हारगढ़ क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका हाल जानेंगे। इधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर मंदसौर-नीमच जिले मेें बाढ़ से प्रभावित लोगों को जल्द ही राहत पहुंचाने की बात कही है। तीन पुल हुए क्षतिग्रस्त - मंदसौर-सीतामऊ मार्ग पर रुपावली के पास पुलिया सहित 30 फीट सड़क बह गई - सीतामऊ-चौमेहला मार्ग पर ग्राम धतूरिया में चंबल नदी पर पुल ही बह गया। मंदसौर-मनासा मार्ग पर ग्राम झारड़ा में रेतम नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ। - ग्राम शक्करखेड़ी के पास तुंबड़ नदी पर बना पुल बह गया।
गांधीसागर बांध का बैक वॉटर मंदसौर जिले के 50 से अधिक गांवों में घुसा,पूर्वमुख्यमंत्री का मन्दसौर दौरा।
