। भोपाल। अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ होने के बाद राज्य सरकार ने भी राम वनगमन पथ पर काम शुरू कर दिया है। सतना कलेक्टर के प्रस्ताव पर सरकार ने 84 कोस परिक्रमा का रास्ता तैयार करने के लिए पांच करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। वहीं कामदगिरी पर्वत और गुप्त गोदावरी के लिए भी एक-एक करोड़ रुपए दे दिए गए हैं। इस राशि से काम शुरू हो जाएगा। वहीं अध्यात्म विभाग अनुपूरक बजट में 22 करोड़ रुपए की मांग रहा है। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है, जो जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। सरकार दो चरणों में राम वनगमन पथ का काम पूरा करेगी। पहले चरण में रामपथ कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इसके लिए 10 करोड़ रुपए विभाग को दिए गए हैं। इसमें से कॉरिडोर में आ रहे जिलों के कलेक्टर विकास कार्य के लिए राशि मांग सकेंगे। विभाग के अफसरों ने तय किया है कि जैसे-जैसे प्रस्ताव आएंगे, संबंधित कलेक्टरों को राशि दी जाएगी। अभी सतना कलेक्टर ने प्रस्ताव भेजा है। उन्हें राशि दे दी गई है। इस राशि से 84 कोस परिक्रमा मार्ग तैयार किया जाएगा। योजना के तहत सरकार मध्य प्रदेश में चित्रकूट से अमरकंटक तक कॉरिडोर को विकसित करेगी। प्रदेश में भगवान राम के प्रवेश स्थल और प्रदेश की सीमा से बाहर जाने वाले स्थल पर दो बड़े प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं। इनमें धर्मशालाएं एवं अन्य शामिल हैं। रामकथा, सभाएं, रामस्तुति, धार्मिक आख्यान सहित अन्य गतिविधियों के लिए इन स्थानों को विकसित किया जाएगा। मध्यप्रदेश की सीमा में 350 किमी का रामपथ मध्यप्रदेश की सीमा में रामपथ 350 किमी का रहेगा। यह चित्रकूट से शुरू होगा और अमरकंटक तक बनेगा। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा चुकी है। इसमें पन्ना, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, शहडोल और अमरकंटक शामिल है। राम वनगमन पथ को लेकर हमारा रोडमैप तैयार हो चुका है। इस पर काम भी शुरू हो गया है। इसके लिए जरूरी वित्तीय प्रावधान भी किए जा चुके हैं - पीसी शर्मा, अध्यात्म मंत्री, मध्यप्रदेश शासन
84 कोस परिक्रमा के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने दिए पांच करोड़
