महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई मुंबई और दिल्ली में लड़ी जा रही है। दिल्ली में जहां केस सुप्रीम कोर्ट के पाले में है, वहीं मुंबई में बैठकर प्रदेश के दिग्गज नेता सियासी गणित बैठा रहे हैं। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अपने विधायकों को टूटने से बचा रहे हैं। इस बीच शरद पवार, सुप्रिया सूले, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल के साथ कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक चव्हाण के अलावा शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे हॉल में मौजूद हैं। तीनों दलों के विधायक होटल हयात के हॉल में मौजूद हैं। यहां 162 विधायक साथ में मौजूद होकर फोटो खिंचवा रहे हैं। होटल के अंदर एक बड़े हॉल में जहां विधायक जमा हुए हैं, वहां हर जगह मराठी भाषा में ' अमी 162' यानी 'हम 162' लिखा हुआ है। चुनाव के दौरान एक दूसरे को भर-भर कोसने वाले उद्धव ठाकरे और सुप्रिया सूले एक साथ हंसते हुए दिख रहे हैं। अशोक चव्हाण ने कहा कि यहां 162 से ज्यादा विधायक हैं। इसे राज्यपाल और सभी लोग देखें। बाला साहब थोराट ने कहा कि गवर्नर से बात-चीत का सिलसिला जारी है और सरकार के नंबर दिखाने की कोशिश कामयाब होगी। हमारे पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में विधायक हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने एक फोटोग्राफर से पूछा कि क्या सभी लोगों का फोटो आ रहा है। उन्होंने कहा कि इतने लोग हैं कि एक बार में एक लेंस में इतने लोगों की तस्वीर को खींचा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में जो लिखा है- 'सत्यमेव जयते' वही होना चाहिए। 'सत्ता में जयते' नहीं होना चाहिए, जो आज-कल की राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं। भाजपा को ललकारते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 20-25 साल से आपके साथ थे, तो आपको समझ में नहीं आया। अब आपको समझ में आएगा कि शिवसेना क्या चीज है। हम सत्ता के लिए साथ नहीं आए हैं, अब हमारा लंबा साथ रहेगा। इसके बाद शरद पवार ने विधायकों को संबोधित करते हुए किसानों की बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गलत तरीके से सरकार बनाई है। महाराष्ट्र के लिए हम साथ आए हैं और बहुमत से ज्यादा सीटें यहां (होटल हयात में) हमारे साथ हैं। कर्नाटक, गोवा, मणिपुर में जहां भाजपा को बहुमत नहीं था, वहां उन्होंने गलत तरीके से सरकार बनाई, लेकिन अब यह सब महाराष्ट्र से बदलने वाला है। इसके बाद तीनों पार्टियों के विधायकों को खड़े होकर शपथ दिलाई गई। सभी नेताओं ने एक हाथ उठाकर कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी ने जो किया है, उसका विरोध करते हैं। इसके साथ ही बाबा भीम राव का जयघोष किया गया। सभी विधायकों ने कहा कि शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के नेता मिलकर सरकार बनाने और बीजेपी के खेमे में किसी भी कीमत पर नहीं जाने की कसम खाई। इसके बाद छत्रपति शिवाजी और बाबा भीम राव आम्बेडकर के जयकारे के साथ शपथ विधि समाप्त हुई। अजित पवार का दावा- भाजपा साबित करेगी बहुमत वहीं, भाजपा और उसका साथ देने वाले शरद पवार के भतीजे अजित पवार का दावा है कि वे बहुमत हासिल कर लेंगे। इससे पहले खबर सामने आई है कि सोमवार को देवेंद्र फडनवीस और अजित पवार ने कार्यभार संभाल लिया। इसके तुरंत बाद यह खबर भी उड़ी कि अजित पवार के खिलाफ चल रहे सिंचाई घोटालों के केस बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (ACB) ने इसका खंडन किया है। हालांकि, इन सबके बीच फडनवीस से बगल में रखी गई डिप्टी सीएम की कुर्सी खाली रही। एनसीपी के दो विधायक गुड़गांव से मुंबई वापस आ चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच चुके हैं। वे आज सुबह मंत्रालय पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपना नया कार्यकाल भी शुरू कर दिया और पहले काम के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष के एक चेक पर हस्ताक्षर भी किए। इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हो गए। मुंबई में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राजभवन पहुंचकर वहां के अधिकारियों को अपने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी है। इस बीच, अजित पवार मंत्रालय के लिए रवाना हो गए हैं। शपथ लेने के बाद यह पहला मौका है जब वे कामकाज संभालेंगे। संभव है आज ही मीटिंग भी करेंगे। एनसीपी ने दावा किया है कि अजित पवार और एक अन्य विधायक को छोड़कर शेष सभी शरद पवार के साथ हैं। इसके बाद पार्टी ने अजित पवार को मनाने की एक और कोशिश की। एनसीपी में नंबर दो के नेता छगन भुजबल ने अजित पवार से मुलाकात की है और उन्हें मनाने की कोशिश की है। शिवसेना हमेशा की तरह भाजपा पर हमलावर है। अब उसने सामना में लिखा है कि भाजपा का बहुमत साबित करना भैंसे का दूध निकालने जैसा है। पार्टी मुखपत्र में अजित पवार को भैंसे की उपमा दी गई है। इस बीच, देवेंद्र फडणवीस भी पूरी तरह तैयार हैं। सोमवार को वे अजित पवार के साथ राज्य के मुख्य सचिव के मिलेंगे। कहा जा रहा है कि देवेंद्र फड़नवीस के बहुमत की झलक तो विधानसभा स्पीकर के चुनाव के समय मिल जाएगी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें कथिततौर पर 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने को कहा है। यदि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले बहुमत साबित करने को कहता है तो तत्काल सदन बुलाया जाएगा और विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। यह जिम्मा अस्थायी विधानसभा अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) का होगा। इसके बाद पूर्णकालिक अध्यक्ष का चुनाव भी प्रोटेम स्पीकर की अध्यक्षता में ही होता है। सत्ताधारी दल की पहली परीक्षा इसी चुनाव में हो जाती है। यदि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार अपने स्पीकर को जितवा सकी तो उसके बहुमत पाने के संकेत मिल जाएंगे। ऐसा नहीं हुआ तो संभव है कि फड़नवीस बहुमत सिद्ध करने की नौबत आने से पहले ही कुर्सी छोड़ दें।
'हम 162' के दावे के साथ शिवसेना, NCP और कांग्रेस के विधायकों ने ली साथ न छोड़ने की शपथ।
