शादी की नौटंकी कर रुपए और जेवर लेकर रफूचक्कर हो जाने वाली दुल्हन और उसके साथियों को पकड़ने के लिए शहर पुलिस ने जाल बिछाकर स्वांग रचा। एक एसआई को दूल्हा बता पुलिस टीम बुधवार को लुटेरी दुल्हन और उसके साथियों से मिलने पहुंची। तय स्थान पीजी कॉलेज के पास मुलाकात हुई। इस दौरान लड़की, उसकी मां, मौसी और एक पंडित उनसे मिलने पहुंचा। यहां सगाई में 50 हजार रुपए देने व शादी में एक लाख के जेवर देने का सौदा हुआ। इस पर पुलिस टीम ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि पूर्व में तीन लड़कों को शिकार बनाया जा चुका है। थाना प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि छह दिन पूर्व दुर्गाशंकर सुतार निवासी इंडोरामा पीथमपुर (धार) ने उसके लड़के महेंद्र के साथ फर्जी शादी कर धोखाधड़ी कि ए जाने के संबंध में आवेदन दिया था। इसमें बताया था कि महेंद्र की शादी नहीं हो रही थी। किसी परिचित के बताने पर उन्होंने किरण (23) पिता देवीसिंग पंवार निवासी आनंदखेड़ी, ठीकरी से रिश्ते की बात चलाई। 21 नवंबर को महेंद्र और किरण की शादी बड़वानी में हुई। शादी में लड़के वालों ने 70 हजार रुपए दुल्हन की मां को दिए और दुल्हन को सोने का मंगलसूत्र, सोने का नाक का कांटा, चांदी की पायल व बिछुड़ी दी। शादी के दौरान दुल्हन की मौसी चकेलीबाई पति गुड्डू भी शामिल रही। शादी के बाद दुर्गाशंकर बहू को लेकर घर पहुंचा। रात करीब 3.30 बजे दूल्हे महेंद्र ने देखा तो दुल्हन किरण सभी जेवर लेकर गायब थी। कु छ दिन खोजने के बाद दुर्गाशंकर ने बड़वानी थाने पर शिकायत की। पुजारी ने किराए पर ले रखा है घर यादव ने बताया कि मामले में सरगना पंडित वीरू (38) पिता लालजी शर्मा निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बड़वानी, किरण (23) पिता देवीसिंग पंवार व उसकी मां सुनीताबाई (58) पति देवीसिंग पंवार निवासी आनंदखेड़ी ठीकरी व किरण की मौसी चके लीबाई (43) पति गुड्डू मेहरा निवासी मुंमई माता मंदिर के पास बड़वानी द्वारा मिलकर धोखाधड़ी किया जाना सामने आया है। आरोपित पंडित वीरू ने बड़वानी में एक मकान किराए पर ले रखा है, जिसे लड़की का घर बताकर 21 नवंबर को महेंद्र से शादी की गई थी। तीन लड़कों को बनाया शिकार लुटेरी दुल्हन और उसके साथियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने सब-इंस्पेक्टर मोहनसिंह डावर को दूल्हा होना बताया था। पुलिस की पूछताछ में आरोपित सुनीताबाई ने बताया कि किरण की सबसे पहले शादी उदयपुर में हुई थी। वहां तलाक हो गया था। वह वहां से भी रुपए व गहने लेकर आ गई थी। इसके बाद किरण ने पुसाराम जाट निवासी राजस्थान से लव मैरिज की। वहां भी कुछ दिन रहने के बाद किरण रुपए लेकर अपनी मां के पास ठीकरी आ गई। इसके बाद पीथमपुर निवासी महेंद्र को शिकार बनाया।
लुटेरी दुल्हन को पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने रचा स्वांग, एसआई बना दूल्हात चार गिरफ्तार। सगाई में 50 हजार रुपए और शादी में एक लाख के गहनों में हुआ था सौदा।
