Nirbhaya Case में दोषियों को मंगलवार सुबह फांसी नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने अगले आदेश तक इनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही एक बार फिर से चारों दोषियों की प्रस्तावित फांसी टल गई है। कुछ देर पहले ही इस मामले के एक आरोपी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी। इसी आरोपी की क्यूरेटिव पिटीशन भी आज सुबह खारिज हो चुकी थी। और अब शाम साढ़े पांच बजे यह नया अपडेट आया है कि चारों दोषियों को कल सुबह फांसी नहीं दी जाएगी। इससे पहले आज पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर पटियाला हाउस कोर्ट ने दरिंदों की याचिका खारिज कर दी। पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने फांसी की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इसी दौरान पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर कर दी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि नियमानुसार 12 बजे पहले दया याचिका दायर की जानी थी। इस तरह कोर्ट ने अपना डेथ वारंट यथावत रखा है। यानी 3 मार्च को सुबह 6 बजे चारों को एक साथ फांसी दी जा सकती है। ससे पहले पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने की मांग की थी। सुनवाई जारी, अदालत ने पूछा ये सवाल दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि उनके पास नए तथ्य आए हैं और नियमानुसार 12 बजे पहले ही राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पेश कर दी गई थी। अधिवक्ता एपी सिंह ने अदालत में कहा कि विचार करें, फांसी नहीं दे सकते। दो दोषियों की दया याचिका बकाया है। इस पर जज ने कहा 2 बजे डिटेल के साथ अदालत में आएं। सुनवाई जारी है। पढ़िए क्या लाइव अपडेट - एक बार फिर सुनवाई शुरू हो गई है। वहीं पवन ने दया याचिका दायर कर दी है। इस बीच दोषियों के परिजनों ने पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर दया के लिए गुहार लगाई और बैनर भी दिखाया। एपी सिंह (दोषियों के वकील): हमें मीडिया के माध्यम से पता चला कि क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो गई, इसलिए अब दया याचिका दायर की है। जज: क्या यह सच है कि क्यूरेटिव खारिज होने के बाद ही दया याचिका दायर हो सकती है। एसी सिंह: यही प्रक्रिया है। सरकारी वकील: नहीं, यह सही नहीं है। जज: जब अदालत ने डेथ वारंट पर अनिश्चितकालीन रोक लगा दी थी, तब आपने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की और न ही दया याचिका। फिर से डेथ वारंट जारी हुआ तो आप फिर से हरकत में आ गए। अब आप इस अदालत से क्या चाहते हैं? क्या कानून का कोई प्रावधान बचा है? आगे क्या हो सकता है फांसी होने तय है, लेकिन दोषियों के वकील इसे रुकवाने के लिए अभी और कोशिश करेंगे। पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ देर रात में भी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। यदि राष्ट्रपति भवन दया याचिका स्वीकार करते हैं तो ये कोर्ट फांसी पर रोक लगा सकते हैं। नियम यह कहता है कि यदि राष्ट्रपति दया याचिका खारिज करते हैं तो अगला डेथ वारंट 14 दिन बाद का होना चाहिए। सुनवाई से पहले फिर फूटा निर्भया की मां का दर्द दरिंदों की याचिकाओं पर सुनवाई से पहले निर्भया की मां का दर्द एक बार फिर फूट पड़ा। निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं। वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है। मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? पवन गुप्ता ने दायर की थी याचिका पवन गुप्ता की पुनर्विचार याचिका पर जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरिमन, जस्टिस आर, भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने सुनवाई की। यह सुनवाई जस्टिस रमन्ना के चेंबर में हुई। पवन ने अपने वकील एपी सिंह के जरिए याचिका दायर की थी। उसका कहना था कि वारदात के समय वह नाबालिग था, इसलिए उसकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया जाए। निर्भया केस के चारों दोषी, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह अभी तिहाड़ जेल में बंद है। इनकी फांसी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि दो बार फांसी टल चुकी है और दोषियों की ओर से दायर की जा रही याचिकाओं को देखते हुए इस बात की उम्मीद कम ही है कि उन्हें 3 मार्च को भी फांसी दे दी जाए।
निर्भया के दोषियों को कल नहीं होगी फांसी, अगले आदेश तक कोर्ट ने लगाई रोक
